नमस्कर, हम यहां जन शिक्षण संस्थान (Jan Shikshan Sansthan) के बारे में तथा इसके अंतर्गत चलने वाले कोर्स (Course), अवधि (Duration) ,फ़ीस (Fee) के बारे में जानेंगे।
आख़िर सरकार की तमाम कौशल विकास के कोर्स के बावजूद जन शिक्षण संस्थान का भूमिका क्या है ?इसके बारे में भी देखगें।
जन शिक्षण संस्थान क्या है ?
जन शिक्षण संस्थान भारत सरकार के Ministry Of Skill Devlopment & Entrepreneurship (MSDE) यानि कौशल विकास और उधमिता मंत्रालय द्वारा चलाया जा रहा कार्यक्रम है।
महत्वपूर्ण जानकारी : क्या आप जानते है कि जन शिक्षण संस्थान (जेएसएस) स्कीम, जिसे पहले श्रमिक विद्यापीठ के नाम से जाना जाता था।
प्रथम श्रमिक विद्यापीठ मुंबई (वर्ली) में स्थापित किया गया था और इसे बॉम्बे सिटी सोशल काउंसिल एजुकेशन कमेटी, वयस्क शिक्षा के क्षेत्र में एक स्वैच्छिक संगठन, द्वारा गठित किया गया था।
जिसके बाद सरकार ने चरणबद्ध तरीके से देश भर में ऐसे संस्थानों का एक नेटवर्क स्थापित करने के लिए एक स्कीम तैयार किया।
श्रमिक विद्यापीठ (एसवीपी) का ध्यान शहरी क्षेत्रों में औद्योगिक श्रमिकों से हटाकर देश के ग्रामीण क्षेत्रों के वंचित व्यक्तियों गैर-साक्षर, नव-साक्षर, अकुशल और बेरोजगार युवाओं, विशेष रूप से अएससी/एसटी/ओबीसी/अल्पसंख्यक/दिव्यांग/महिलाओं पर अधिक दिया गया।
वही वर्ष 2000 में एसवीपी का नाम बदलकर जन शिक्षण संस्थान (जेएसएस) रखा गया।तब यह कार्य मानव संसाधन विकास मंत्रालय (एमएचआरडी) के अंतर्गत होता था।
परन्तु 2018 में केंद्र सरकार द्वारा इसे कौशल विकास और उद्यमशीलता मंत्रालय (एमएसडीई) को स्थानांतरित कर दिया गया था। तब से यह जिम्मेदारी (MSDE) देख रहा है।
जिसके अंतर्गत देश के लगभग सभी जनपदों में एक जन शिक्षण संस्थान के माध्यम से तमाम कोर्सेज चलाये जा रहे जिन्हें करने के बाद युवा को अपने पास कौशल विकास रोजगार में मदद मिलेगी।
- खासकर यह योजना इनके लिये है जो ग्रामीण क्षेत्रों में गैर-साक्षर, नव-साक्षर के साथ-साथ स्कूल छोड़ने वाले युवाओं को कौशल प्रशिक्षण करके आर्थिक रूप से उत्थान तथा स्थानीय स्तर पर व्यापार को बढ़ाने का मौका देना है।
- गैर/नव साक्षरों के व्यावसायिक कौशल और तकनीकी ज्ञान में सुधार लाने और 8 वीं कक्षा तक के शिक्षा स्तर के अन्य स्तर पर अन्य स्कूल छोड़ने वालों या 8 वीं कक्षा तक के स्कूल छोड़ने वाले लोगों को सुधारने, अर्थात कक्षा 12 वीं तक उनकी दक्षता बढ़ाने, उत्पादक क्षमता बढ़ाने और उनकी आजीविका के अवसरों को बढ़ाना।
- वर्तमान में 27 राज्यों और 2 संघ राज्य क्षेत्रों में 248 जन शिक्षण संस्थान सक्रिय हैं, जिनमें से 17 जेएसएस कार्यात्मक नहीं हैं। 83 नए जन शिक्षण संस्थान स्थापित करने का निर्णय सर्कार ने लिया है।
जन शिक्षण के कोर्स (JSS Course):
जन शिक्षण के माध्यम से लगभग प्रमुख क्षेत्रों के लिए कोर्स उपलब्ध है।
Jss के आधिकारिक वेबसाइट पर अभी 11 सेक्टर से समन्धित कोर्स है।जो अधिकतर 105 दिन कोर्स है।जबकि कुछ 75 दिन के कोर्स है।
- फूड प्रोसेसिंग (Food processing)
- परिधान (Apparel)
- आईटी सेक्टर ( IT- ITES)
- हैंडीक्राफ्ट एंड कारपेट (Handicrafts & Carpet)
- इलेक्ट्रॉनिक्स एंड हार्डवेयर ( Electronics & Hardware)
- ऑटो सेक्टर
- ब्यूटी & वैलनेस
- कैपिटल गुड्स & मैन्युफैक्चरिंग
- डोमेस्टिक वर्कर
- प्लंबिंग
- टेक्सटाइल & हैंडलूम
जन शिक्षण के कोर्स फी( Jss course Fee):
फ़ीस की बात करें तो जन शिक्षण संस्थान में सरकारी कोटे की सीट पर यह कोर्स निःशुल्क उपलब्ध होगा।इसके लिये कोई फ़ीस अभ्यार्थियों से नहीं लिया जायेगा।
जबकि गैर सरकारी सीटों पर फीस हो सकता है लेकिन उसकी जानकारी अभी नही मिल पाई है।
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