एशियाई विकाश बैंक | Asian Development Bank

एशियाई विकाश बैंक | Asian Development Bank

एशियाई आर्थिक विकाश पर बल देने के लिए इसकी स्थापना हुई। ADB के उदय का मुख्य कारण इस क्षेत्र की आवश्यकता को पूरा करने के लिए वित्तीय सहायता देना है।
एशियाई आर्थिक सहयोग पर प्रथम मंत्री स्तरीय सम्मेलन दिसम्बर 1963 में मनीला में संपन्न हुआ । वस्तुतः इसी सम्मेलन में यह विचार हुआ कि इस क्षेत्र की आवश्यकता की पूर्ति हेतु विश्व बैंक जैसी संस्था चाहिए ।

दूसरे मंत्रीस्तरीय सम्मेलन में एशियाई विकास बैंक स्थापित करने के प्रारूप पर समझौता हुआ । जनवरी 1966 में 31 देशों ने इसके चार्टर पर अपनी मुहर हस्ताक्षर रुप में लगायी और 1966 में 19 दिसंबर को फिलीपींस की राजधानी मनीला में यह स्थापित हो गया।अब ADB के पास 68 सदस्य हैं । जिसमें 49 एशिया और पैसिफिक से है और 19 सदस्य बाहरी हैं

ADB तथा इसका उद्देश्य (ADB & Its Objective):-


ADB की स्थापना के पिछे मुख्य उद्देश्य एशियाई क्षेत्रों का समुचित विकाश के साथ विश्व बैंक द्वारा किये जा रहे कार्य की एशियाई देशों में आपूर्ति करना भी है ।
(1) उपलब्ध संसाधनों का समुचित उपयोग (Proper Utilisation of Available resources) :-

प्रमुख उद्देश्य है उन क्षेत्रीय तथा उप-क्षेत्रीय और राष्ट्रीय परियोजना तथा प्रोग्राम को प्राथमिकता देना जो समस्त क्षेत्र के बराबर तथा उपयुक्त आर्थिक विकाश की ओर समुचित रूप से योगदान दे।

इसके लिए विकाश के वित्त प्रबंधन के लिए उपलब्ध साधनों का इस्तेमाल कारना भी उद्देश्य में शामिल रहा है ।
(2) तकनीकी सहायता (Technical assitance ):-

एक अन्य उद्देश्य तकनीकी सहायता प्रदान कर विकाश परियोजना का प्रोग्राम तैयार करना भी है । इसके तहत विशिष्ट प्रोजेक्ट प्रस्ताव का निर्माण भी शामिल है ।
(3) पूँजी निवेश (Capital Investment ) :-

इसके तहत सार्वजनिक तथा निजी पूँजी निवेश को प्रोत्साहन प्रदान करना मुख्य उद्देश्य हैं ।


(4) विकाश के लिए योजना तथा नीति का समन्वय (Cooperation of Plans and Policies for development):-

एक उद्देश्य यह भी है कि क्षेत्रीय सदस्य देशों को विकास की योजना तथा नीति में समन्वय ही ताकि उनके संसाधनों का कुशलतम तथा अनुकूलतम उपयोग संभव हो सके ।
(5) अन्य संगठनों से सहयोग(Cooperation with other organisation):— अपने क्षेत्र में विकास कोष का निवेश करने के लिए ADB विश्व के अन्य संस्थाओं से सहयोग करता हैं ।

ADB : प्रबंध तथा सदस्यता (ADB : Its Membership &Management):-


सदस्यता :
एशियाई विकाश बैंक की सदस्यता निम्न देशों को प्राप्त है या इन्हें ही प्राप्त होती है—-

(i) इकाई के सदस्य (ii) इकाई के साथी सदस्य (iii ) इकाई के अन्य देश जो संयुक्त राष्ट्र संघ या इसकी विशिष्ट ऐजेंसी के सदस्य हैं ।

जब कोई देश इसका सदस्य बनना चाहता है तब गवर्नर के मंडल की दो तिहाई संख्या का इस देश के पक्ष में मत होना जरूरी है।
प्रबंध :–
इसके प्रबंध के तहत एक अध्य्क्ष, एक उपाध्यक्ष तथा प्रशासनिक स्टाफ़ है । नीति निर्धारण संस्था में एक गवर्नर मंडल रहता है । इस मंडल का गवर्नर प्रत्येक सदस्य देश से आता है । इस मंडल की बैठक वार्षिक होती है ।
बैंक का अपना प्रबंधक मंडल भी है जिसमें 7 क्षेत्रीय और 3 गैर सदस्य कुल मिलाकर 10 सदस्य रहते हैं। यह मंडल ADB से सम्बंधित सभी कार्यों की देखभाल करता हैं। वार्षिक बजट पास करता है और गवर्नर मंडल के अनुमोदन के लिए लेखा प्रस्तुत करता हैं ।

ADB के कार्य (Function of ADB) :-


(i) वित्तिय सहायता(Financial Assistance) :

ADB वित्तिय सहायता अनुदान और कर्ज के रुप में अपने सदस्य राष्ट्रों को प्रदान करता है । मुख्यत: तीन प्रकार के कर्ज उपलब्ध करवाता है— परियोजना उद्यान दान, क्षेत्र उधार दान तथा प्रोग्राम उधार दान ।
एशियाई विकास बैंक , सामान्य कोष तथा निवेश कोष द्वारा कर्जो की व्यवस्था करता है । जबकि विशिष्ट उधारदान के लिए बैंक ने कुछ विशेष कोष की व्यवस्था की है।जैसे एशियाई विकास कोष , कृषि विकास कोष आदि।

इन कोषों द्वारा उच्च विकास प्राथमिकता वार्ता परियोजनाओं को दीर्घकालीन कर्ज चुकाने के लिए कम ब्याज पर उधार की व्यवस्था की जाती है। इन विशिष्ट उधारदान के लिए मुख्यत : अमेरिका , जापान, ब्रिटेन, जर्मनी, कनाडा, स्विट्जरलैंड, भारत तथा पाकिस्तान से सहायता प्राप्त होती हैं। बैंक द्वारा उधार देने की कुछ कसौटियाँ भी निर्धारित होती हैं। बैंक उधार अपने कुल गवर्नरों की 2/3 की सहमति के बाद ही होता है।
(ii) तकनीकी सहायता (टेक्निकल Assistance) –

यह कोष तकनीकी सहायता विशेष कोष के रुप में कार्य करता है। तकनीकी सहायता दो उद्देश्य के लिए होती है। पहला विशिष्ट, राष्ट्रीय, क्षेत्रीय आदि विकाश परियोजना को तैयार वित्त प्रबंधन तथा कार्यान्वित करने के लिए दूसरा जबकि कृषि, उधोग और लोक प्रशासन आदि क्षेत्र में राष्ट्रीय या क्षेत्रीय स्तर पर नई संस्था की स्थापना हेतु कार्य करता हो या जो संस्थायें मौजूद हैं उनकी सहायता करता है।
(iii) गरीबी दूर करना (Poverty alleviation) –

नौवें दशक से बैंक गरिबी दूर करने तथा प्राकृतिक वातावरण की स्वच्छता तथा सुरक्षा को लेकर ज्यादा गंभीर है। आर्थिक वृद्धि के प्रोत्साहन हेतू उत्पादकता पर बल देकर गरीबी कम करने का प्रयास बैंक कर रही है ।निजि क्षेत्र में वित्त के निवेश को प्रोत्साहित कर रहा है। विकाशशील देशों में कुशल मानव संसाधन विकास पर भी बल दे रहा है।

(iv) सर्वेक्षण और शोध-

विकसशील देशों के विकास हेतु नये सर्वेक्षण और शोध पर ध्यान देता रहा है। क्षेत्रीय आर्थिक एकीकरण को प्रोत्साहन करने के लिए सर्वेक्षण तथा शोध को सुविधा के साथ आर्थिक विकास में सम्बंधित उपलब्धि और संभावना को भी अपनी वार्षिक रिपोर्ट में शामिल करता है।

      (मनीष कुमार स्टालिन)

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